एल्कोहल के सेवन से आदमी की लगभग सभी क्रिया धीमी हो जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप समन्वय की कमी , मानसिक दुविधा , उनींदापन तथा भावशून्यता आ जाती है। आदमी को राहत जरूर मिलती है। लेकिन उसे पता नहीं चलता की उसके सोचने , समझने की क्षमता तथा मासपेशीयाँ बुरी तरह प्रभावित होती है। जब इसका नशा समाप्त हो जाता है। पुरे शरीर में अकड़न सी महसूस होती है। पूरा बदन टूटने लग जाता है। इसका हमारे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इसके लगातार प्रयोग से यह हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगो को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा देता है। जो आने वाली जिंदगी के सामने एक चुनौती बन जाता है। नशा करने से केवल उस व्यक्ति ही नुकसान नहीं होता जो नशा करता है बल्कि सबसे ज्यादा नुकसान उसके परिवार वालो को पड़ता है।
मेरी आप से राय है की आप स्वयं तो कभी भी नशा ना करें और साथ किसी एक व्यक्ति का नशा छुड़वाए।
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