बहुत से ऐसे जीव है जो स्थान के अनुसार अपना रंग बदलते है। ये रंग बदलने की प्रकिर्या उनको अपने दुश्मनो से बचने में सहयता करती है। इन जीवो की त्वचा के नीचे रंजक और मैलेनोफोर नामक कोशिकाए होती है। जो शरीर के द्वारा उत्तपन होने वाले हार्मोनों से उत्तेजित हो कर त्वचा का रंग बदलने में सहयता करती है। ये हार्मोन इंटरमेडिंन ऐसीटेल कॉलिन तथा एड्रीनेलिन नामक हार्मोन होते है। जो तापमान , लैंगिक तथा भावनात्मक अवस्था इनके रंग को बदलने में सहयता करती है। पेड़ों पर चढ़ने वाले या पेड़ों पर वास करने वाले जीवो में ये प्रवृति अधिक होती है।
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