आपने मकड़ी का जाल तो देखा ही होगा लेकिन आप ने कभी नही सोचा की कैसे बनता है और किस से बनता है
तो चलिए आज हम ऐसी पर बार करते है मकड़ी अपना जल बनाने के लिए अपने शरीर से एक रेशमी सा धागा निकलती है जिसे हम ' स्पाइडर सिल्क 'भी कहते है यह धागा प्रोटीन से बनता है और यह मकड़ी की रेशम ग्रंथियों से बनता है।
मकड़ियों में सात प्रकार की ग्रथिया होती है और हर मकड़ी में कम से कम तीन ग्रथिया होती है और हर ग्रथि से अलग प्रकार का रेशम निकलता है और हर रेशम के अलग - अलग गुण होते है जैसे कुछ गर्थियो से चिपचिपा रेशम निकलता है और कुछ मे से तरल रूप के निकलता है जो बाहर आने पर सुख जाता है
यह सबसे अब तक ज्ञात सबसे मजबूत रेशम है जो पानी में नही घुलता।
तो चलिए आज हम ऐसी पर बार करते है मकड़ी अपना जल बनाने के लिए अपने शरीर से एक रेशमी सा धागा निकलती है जिसे हम ' स्पाइडर सिल्क 'भी कहते है यह धागा प्रोटीन से बनता है और यह मकड़ी की रेशम ग्रंथियों से बनता है।
मकड़ियों में सात प्रकार की ग्रथिया होती है और हर मकड़ी में कम से कम तीन ग्रथिया होती है और हर ग्रथि से अलग प्रकार का रेशम निकलता है और हर रेशम के अलग - अलग गुण होते है जैसे कुछ गर्थियो से चिपचिपा रेशम निकलता है और कुछ मे से तरल रूप के निकलता है जो बाहर आने पर सुख जाता है
यह सबसे अब तक ज्ञात सबसे मजबूत रेशम है जो पानी में नही घुलता।
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