www सूचना को स्टोर करने के लिए डाक्यूमेंट्स का प्रयोग करता है। यह डाक्यूमेंट्स वेब पेज के नाम से जाने जाते है। और ये वेब पेज HTML भाषा में लिखे जाते है। और आप HTML डाक्यूमेंट्स को एक दूसरे से लिंक कर सकते है। जो हाइपर लिंकिंग की सहयता से होती है। आप हायपर लिंक से डाक्यूमेंट्स में गाफिक्स, साउंड, ऐनिमेशन, फोटोज आदि एम्बेड(Embed ) कर सकते है।
इन्टरनेट पर उपलब्ध अन्य सेवाओ की तरह www भी क्लाईंट सर्वर पर आधारित है। मतलब अगर कोई वेब सर्वर से कोई भी डॉक्यूमेंट देखना चाहता है। उसके पास एक क्लाईंट सॉफ्टवेयर होना चाहिए। आप के पास इन्टरनेट और एक सॉफ्टवेयर होने के बाद आप कोई नही वेब सर्वर पर भण्डारित पेज देख सकते है।
वेब सर्वर को एक्सेस करने के लिए काम में आने वाले सॉफ्टवेर को वेब ब्राउज़र कहते है। और वेब अपना काम करने के लिए HTTP (Hyper Text Transfer Protocol ) का सहारा लेते है। वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र दोनों ही इस प्रोटोकॉल को समझते है।
www की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह सभी डाक्यूमेंट्स को बिना किसी क्रम के व्यवस्थित रखता है।
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