एक अच्छे व्यक्ति की सबसे पहली जिम्मेदारी है कि वो अपने आपको एक खुशमिजाज, क्रिएटिव, माहोल दे . मतलब अपनी सोच को इसके अनुसार बनाए . यह जीवन का सबसे जरूरी और पहला स्टेप है . हमे खुश रहे की कला सीखनी होगी . ख़ुशी से ही बदलाव की शुरुआत होती है . और आपकी प्रतिभाए बाहर आती है, विश्वास बढ़ता है, नजरिया बदलता है . यह एक आटोमेटिक प्रकिर्या है जिसके उपर आपका कोई कण्ट्रोल नही है . अगर आप मैक्सिमम टाइम खुश रहते है तो आपके विचार खुलते है, नए - नए idea's आपके दिमाग में आएगे . आप हमेशा कुछ नया करने के बारे में सोचेगे . और जब आप कुछ नया कर देते है तो आपको बहुत ज्यादा ख़ुशी अनुभव होगी .
खुश रहने का तरीका :-
खुश रहने का केवल और केवल एक ही तरीका है की आप वही काम करे जिसे करने में आपके मन माने या जिसको करने में आपको ख़ुशी मिले. या जिसको करके आप अच्छा महसूस करे . इससे आपका काम भी जल्दी बनेगा . और आप अपने काम को दुनिया के श्रेष्ठतम स्तर पर ले जा सकते है . आपका भावनात्मक स्तर भी संतुलित रहेगा .
आप वो काम कभी ना करे जिसके अंदर ख़ुशी ना हो . इर्ष्या, दुर्भावना, लालच, धोखा आदि किसी को ख़ुशी नही सकते . और आप ऐसे काम कभी ना करे जिसके करने से आपको कुछ ऐसा अनुभव हो .
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