एड्स (AIDS) (Read Must)

शायद आपने इस बीमारी के बारे में जरुर सुना होगा . आज मै कोशिश करूगा की आपको इसके बारे ज्यादा से ज्यादा बताऊ ताकि  आप जान जाए की ये बीमारी क्या है क्यों होती है और इसके क्या  नुकसान है .

एड्स पूरी दुनिया के लिए भयंकर खतरे के रूप में फैली एक बीमारी है . और एक बार ये रोग लगने के बाद इससे बचना बहुत कठिन है .इस बीमारी ने बहुत  से लोगो के दिलो में एक डर  पैदा कर रखा है . और विज्ञानिक भी इस बीमारी का इलाज ढूढने के लिए दिन रात काम कर रहे है लेकिन  आज तक वो भी असफल रहे है . इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने के बाद  लगभग व्यक्ति एक साल में मर जाता है . और लक्षण दिखाई देने के बाद कोई भी व्यक्ति 3 से 5 साल जीवित नही रहता है .


यह रोग HIV नामक वायरस से फैलता है . जिसका पूरा नाम है ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस . माना जाता है यह वायरस अफ्रीका के बंदरो में पाया जाता है . और लोगो का कहना है की अफ्रीका के कुछ लोग इन बंदरो का मास खाते है . और इन्ही के द्वारा ये वायरस आदमियों तक पहुचा है . इस रोग के सबसे पहले रोगी अमेरिका में सन 1981 में पाए गए थे . U.N.O. के संस्था W.H.O. की एक रिपोर्ट के अनुसार अगली शताब्दी में भारत इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित होगा  यहाँ पर लगभग हर रोज 10000  लोग इस रोग के कारण मरा करेगे .

यह रोग एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में रक्त या वीर्य के द्वारा फैलता है . जो लोग स्वछन्द यौन संबंध रखते है या समलैगिक क्रिया करते है, उन लोगो में ये बीमारी जल्दी से फैलती है . और यदि किसी संक्रमित व्यक्ति का खून किसी व्यक्ति का चढ़ा दिया जाता है तो यह रोग दोनों को हो जाएगा . और एड्स से संक्रमित माताएँ जन्म से ही अपने बच्चे को ये रोग दे देती है .
रोगी का बिना खून टेस्ट किए डॉक्टर भी नही बता सकता की इस व्यक्ति को एड्स है या नही और इसी करण कोई भी डॉक्टर एक सुई को दो व्यक्तियों पर प्रयोग नही करता एक सुई को प्रयोग करने के बाद तोड़ दिया जाता है .

वैश्याए या बुरे चरित्र के लोग इस रोग का जल्दी शिकार होते है और जब किसी स्वच्छ व्यक्ति में ये वायरस प्रविष्ट करता है तो 3 महीनों तक तो इसका अनुभव भी नही होता . इस समय अवधि को सक्रमण काल कहते है . इसके 10 साल बाद तक रोगी बिना किसी समस्या या शिकायत के ठीक रह सकता है . और इस समय के दोरान अनजाने में पता नही किस किस को ये रोग बताता रहता है . और एड्स के अपने कोई लक्षण नही होते इस रोग में HIV रोगी के शरीर में प्रविष्ट करके सीधा उसकी प्रतिरोधी तन्त्र पर आक्रमण कर  देता है . और उसको पूरी तरह से नष्ट कर देता है . प्रतिरोधी शक्ति न रहने पर व्यक्ति ना जाने कितने रोगों का शिकार हो जाता है जैसे की  अचानक भार कम हो जाना,पेचिश,ग्रन्थियो में सुजन,एन्फ्लुंजा, बुखार ,आदि समान्य लक्षण सामने आते ही डॉक्टर रोगी का इलाज समान्य तरीके से करना चाहता है . और ठीक ना होने पर डॉक्टर का ध्यान एड्स पर जाता है इस बीमारी की पुष्टि के लिए एलिसा टेस्ट (Elisa Test) काफी मददगार सिद्ध हुआ है .

और इस रोग का कोई इलाज नही है तो डॉक्टर इलाज के लिए मना कर देते है क्योकि उनको पता होता की इसकी मृत्यु निश्चित है . और ऐसा होने पर हर कोई उस से मुह मोड़ लेता है चाहे वो घर वाले हो, या बाहर वाले उस व्यक्ति को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नही जाने दिया जाता .  और ना ही किसी होटल में खाना खाने देते  जिस करण वो अपने रोग को  लोगो से छिपा लेता है और किसी को कुछ नही बताता है

लकिन ये रोग केवल यौन संबंध बनाने या रक्त का आदान प्रदान करने से ही फैलता है एक ही घर में रहने, साथ साथ खाने पिने , एक ही तालाब में नहाने से ये रोग नही या मच्छरों के काटने से भी ये रोग नही फैलता इसलिए रोगी व्यक्ति को सावधानियो का ध्यान रखते हुए रोगी के साथ रहा जा सकता है .


एड्स अन्य देशो की तरह भारत में भी प्रवेश कर चूका है और पुरे देश में इस रोग से पीड़ित लगभग 3500000 रोगी मिल चेके है देश के उतरी - पूर्वी राज्यों में इसका सक्रमण अधिक दिखाई दिया है . और सरकार ने भी जनता को सचेत करने के लिए अनेक कार्य किये है लेकिन इस रोग का सबसे बड़ा इलाज लोगो को स्वयं सावधान रहना होगा .
 


Watch a short Video on AIDS 



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