गला खराब होने पर नामक के गरारे करने को क्यों कहा जाता है |



आमतोर पर गला खराब होने का मतलब होता है की कफ का जम जाना | कफ एक लसलसा पदार्थ होता है | यह एक ऐसा घोल होता है | जिसमे पदार्थ के बड़े - बड़े कण विधुत आवेश के कारण घुले रहते है
| और यदि इन कणों का आवेश खत्म कर दिया जाए तो ये घुलनशील हो जाते है और घला ठीक हो जाता है | और नमक या अन्य लवणों में ये गुण होता है | इसी कारण से गला खराब होने पर नमक के गरारे करने को कहा जाता है |




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