जींद में छात्रा से 3 युवको ने किया बेदर्दी से दुष्कर्म , रोहतक के कलानोर में महिला का अपहरण करके सामूहिक दुष्कर्म , गोहाना में स्कुल से बाहर बुलाकर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म , मावत में दो महिलाओ से दुराचार के बाद दन्म्प्ती की हत्या , और ये सभी 2012 में निर्भया कांड के बाद हुए है .
लेकिन निर्भया के बाद तो सरकार ने बहुत बड़े - बड़े आश्वासन दिए थे और बहुत से कठोर कानून भी मनाए थे . लेकिन उनके बावजूद भी ये गतिविधिया रुकने का नाम नही ले रही है .
महिला उत्पीडन के विरोध में कैंडल मार्च तो निकलते है लेकिन उनका प्रकाश कुछ ही दिनों तक रहता है . इस प्रकाश को बनाए रखने के जरूरी है की सरकार के साथ - साथ आम जनता को भी आगे आना होगा किसी भी तरह के महिला उत्पीडन पर पूरी तरह रोक लगनी होगी . तभी हमारे देश में सभ्य समाज का सपना साकार हो सकता है .
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